139+ दिल्लगी शायरी इन हिन्दी | Dillagi Shayari (2024)

Dillagi Shayari : जब आप किसी से प्यार करते है तो सबसे कठिन काम होता है उस व्यक्ति को अपनी मन की बात कहना या फिर सीधे तोर पर कहे तो प्यार का इज़हार करना. एक बात और भी मानने वाली है के आप अपने प्यार को शब्दों में ब्यान नही कर सकते पर फिर भी प्यार और मोहब्बत भरे दिल्लगी शायरी आपके मन की बात को दूसरे के दिल तक पहुंचा सकते है।

इसलिए हमने यहां पर Dillagi shayari for bf का संग्रह किया है जिसे आप अपने व्हाट्सऐप स्टेटस, फेसबुक आदि सोशल मीडिया पर शेयर कर सकते है। हम गुजारिश करते है कि आप सभी दोस्तो को यह रोमांस से भरी शायरियां पसंद आएगी।

Dillagi shayari

जब से देखा है तुम्हे सब कुछ भूल गए है
तेरी मोहब्बत में हम खुद को ही भूल गए है..!!!

दिल्लगी तुमसे कुछ इस कदर बढ़ने लगी है
मेरी बेचैन धड़कन अब तुमसे जुड़ने लगी है..!!!

तीर पे तीर खाए जा और यार से लौ लगाये जा
आह न कर लबों को सी इश्क़ है दिल्लगी नही !

तुम्हारे बाद जो होगी वो दिल्लगी होगी
मोहब्बत वो थी जो तुम पे तमाम कर बैठे !

Dillagi shayari

मेरी ज़िन्दगी में ख़ुशी की वजह थे तुम
मेरा सच्चा प्यार थे तुम
कोई दिल्लगी नहीं थे तुम !

Dillagi ki shayari

ना कोई इश्क ना कोई
दिल्लगी है तुझसे जाना
काश आसान होता है
इस हकीकत से मुकर जाना.!!

Dillagi shayari76

ये दिल्लगी भी बड़ी कमाल की होती है
जब इस दिल को किसी की
धड़कन से चाहत होती है.!!

Dillagi shayari1

कोई तो रिश्ता लगता है
तुझसे मेरा यूं ही हर किसी
से दिल्लगी नही होती..!

Dillagi shayari2

जिसे मैंने रब से
मांगा तू वह मन्नत है
तेरे कदमों में ही मेरी
दिल्लगी की जन्नत है !

Dillagi shayari3

उसकी मोहब्बत में
पागल होती जा रही हूं
क्या थी मैं और
क्या बनती जा रही हूं !

Dillagi shayari4

बदनाम तो यूं भी है
मोहब्बत के नाम से शहर
कयामत तब होगी जब हर
एक दिल की रुसवाई होगी..!

Dillagi shayari5

इतनी गहराई से मुझे पढ़ोगे तो
मुझसे दिल लगा बैठोगे
एक बार जो मुझसे दिल लगाया तो
खुद का दिल गवा बैठोगे !

Dillagi shayari in hindi

dillagi shayari hindi mai

तुझे महोब्बत कहा थी बस दिल्लगी थी
वरना मेरे पल भर का बिछड़ना भी तेरे
लिए क़यामत होता।

तेरे होने से ही मेरे जीवन में बहार हो
ये जीवन तो तेरा हे
तेरे इलावा कोई ना इस दिल में
फिर चाहे ये दिल पे तेरे नाम का
ताला लग जाये !

Shayari dillagi

हमने भी बहुत दिल लगा कर देख लिया है
चलो थोड़ी दिल्लगी भी कर ले
जहां वफ़ा नहीं जीत सकी
थोड़ी बेवफाई ही आज़मा ले!

बे-ज़ार हो चुके हैं बहुत दिल्लगी से हम
बस हो तो उम्र भर न मिलें अब किसी से हम!

दिल्लगी नहीं ये मेरे मासूम प्यार की
कल्पना है अगर मैं हर रोज़
तुम्हारे साथ ही उठूं तो वो
सुबह कितनी खूबसूरत होगी!

कोई दिल की ख़ुशी के लिए
तो कोई दिल्लगी के लिए
हर कोई प्यार ढूंढ़ता है यहाँ
अपनी तनहा सी ज़िन्दगी के लिए !

dillagi ki shayari image

दिल्लगी करते सभी है दिल लगाते है नही
दर्दे-दिल की है दवा क्या ये बताते है नही !

अगर कोई तुम्हारे लिए सब कुछ हो जाता
है तो दूरीयां मायने नही रखती
और उसको सच्चा प्यार किया
जाता है दिल्लगी नही !

Dillagi shayari in hindi

दिल्लगी नाम रख दिया किसने
दिल जलाने का जी से जाने का !

मुझमे ईर्ष्या नहीं है और ना मैं दिल्लगी
करता हूँ मैं बस तुम्हें खोने से डरता हूँ !

ये मज़ा था दिल्लगी का कि
बराबर आग लगती
न तुम्हें क़रार होता
न हमें क़रार होता !

मोहोब्बत एक बार ही होती है
तुम ने जो की वो दिल्लगी है
जो बार बार होती है!

कोई भी रिश्ता वायदे से नहीं बन सकता
इसके लिए प्यार दृढ़ संकल्प और विश्वास चाहिए !

तुझे हक दिया है मैंने मेरे साथ दिल्लगी
का मेरे दिल से खेल जब तक तेरा दिल
बहल ना जाए !

Shayari on dillagi

dillagi sad shayari image

दिल्लगी ही दिल्लगी में दिल गया
दिल लगाने का नतीजा मिल गया !

प्यार को इस बात से नहीं तोला जाता के
आपने किसी के लिए कितनी
प्रतीक्षा की बल्कि ये समझने में है
के आप प्रतीक्षा क्यों कर रहे हैं !

हमारी कद्र उनको होगी तन्हाईयो
में एक दिन अभी तो बहुत लोग हैं
उनके पास दिल्लगी करने को !

चाहत का दिल में नामो-निशाँ ना रहे
या तो ख़त्म हो कशमकश तेरी या मेरी
दिल्लगी का आशियाँ ना रहे !

मैं तुमसे इतना प्यार करता हूँ जितने
आकाश में तारे हैं और समुन्दर में
मछलियां है !

ना तोल मेरी मोहब्बत को
अपनी दिल्लगी से
देख कर मेरी चाहत को
अक्सर तराजू भी टूट जाते हैं !

Dillagi shayari for gf

मुख्तसर सी दिल्लगी से तो
तेरी बेरुखी अच्छी थी
कम से कम ज़िंदा तो थे
एक कस्मकस के साथ !

अगर किसी ने मुझसे पूछा कि मेरा
भविष्य कैसा दिखता है
तो मैं उन्हें आपको दिखाउंगी !

dillagi shayari lucknow

ज़ख़्म झेले दाग़ भी खाए बहुत
दिल लगा कर हम तो पछताए बहुत!

दूरियां बढ जाए या फासले हो दरमियान
धडकन थम जाए चाहे होठ हो बेजबान
दिल्लगी रहेगी शादाब इश्क़ रहेगा नौजवान!

मैं हमेशा ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वो
हमें एक पवित्र गाँठ में बाँध लें ताकि हम
हर पल एक साथ बिताएँ।

हम ने जाना था लिखेगा
तू कोई हर्फ़ ऐ ‘मीर’
पर तेरा नामा तो इक शौक़
का दफ़्तर निकला !

Dillagi sad shayari

कुछ पाबंदी भी लाज़मी है
दिल्लगी के लिए किसी से इश्क़
अगर हो तो बेपनाह न हो !

यदि आप बदले में कुछ की उम्मीद करते हैं
तो इसे प्यार नहीं व्यापार और दिल्लगी
कहा जाता है।

दिल्लगी कर जिंदगी सेए दिल लगा के चल
जिंदगी है थोड़ी हमेशा मुस्कुराते चल !

माना दोस्त कि दिल्लगी तेरी फ़ितरत नहीं
फ़िर वाबस्तगी मुझसे क्यों तेरी हसरत नहीं!

sad shayari dillagi

जब भी मैं आपकी तरफ देखता हूँ
तो मुझे डर लगता है क्योंकि जितना
मैं आपको देखता हूँ उतना ही
आपसे दिल्लगी बढ़ती है !

तुम्हारी दिल्लगी देखो हमारे
दिल पर भारी है
तुम तो चल दिए हंसकर
यहाँ बरसात जारी है!

Dillagi shayari two line

मैं उसके प्यार में खो गया और मैं
ऐसे ही खोना चाहता था और ये दिल्लगी
मुझे कहाँ लेके जाएगी।

क़दमों पे डर के रख दिया सर ताकि
उठ न जाएँ नाराज़ दिल-लगी में
जो वो इक ज़रा हुए!

कभी प्यार करना कभी लड़ाई करना
वो ऐसे ही करते हैं दिल्लगी मुझसे!

नज़रों का क्या कसूर जो दिल्लगी
तुमसे हो गयी
तुम हो ही इतने प्यारे
कि मोहब्बत तुमसे हो गयी !

मिले वो यार जो दिल की लगा कर
हमें बहला रहे हैं दिल्लगी से !

मुझे कोई सपना मत समझना
जिसे तुम अगली सुबह भूल जाओ
ओ दिलबर साथ निभाना
दिल्लगी न करना!

Dillagi shayari image

dillagi shayari in hindi images

दिल तोडना किसी का ये जिदंगी नही
इबादत थी मेरी कोई दिल्लगी नही!

मज़ा आ रहा है दिलबर से दिल्लगी में,
नज़रे भी हमी पे है और पर्दा भी हमी से है!

दिल्लगी करना जरा देख के करना
कहीं तुम्हारी दिल्लगी में
कहीं देर न हो जाये!

मेरे सनम की दिल्लगी न पूछो
यारो गैर का ख़त
लिफाफे में रख कर उसपर
मेरा ही पता लिख दिया है!

किसी ने दिल्लगी जाना
मगर हमारा दिल ख़ुदा का घर था
मुसाफ़िर क़ियाम रखते थे !

हमने तो दिल पूरी ईमानदारी
से लगाया था
मगर उसने तो हमारे दिल
को कांच समझ के तोड़ दिया!

Dillagi shayari hd wallpaper

कुछ ऐसी बेरुखी से तकता है
हमको दिलबर
अब दिल्लगी भी उसकी
दिलकी लगी है!

कोई दिल-लगी दिल लगाना नहीं है
क़यामत है ये दिल का आना नहीं है !

gair shayari in hindi

अब तो मुझको लोग तेरे नाम से
पहचानते हैं दिल्लगी में रुतबा
हमने भी पाया है !

अन छुए अरमानों को दिल के
अब तेरी ही सूरत है
इजाजत हो ना हो किसी की
तुझसे दिल्लगी की सहूलत है !

तलब तमनाएँ सब अधूरी रह जाती है
अक्सर दिल जिसे चाहता है
उससे दुरी रह जाती है!

नसीम-ए-सुबह गुलशन में
गुलों से खेलती होगी
किसी की आखरी हिचकी
किसी की दिल्लगी होगी!

Tumhe dillagi shayari

कोई दिल की ख़ुशी के लिए
तो कोई दिल्लगी के लिए
हर कोई प्यार ढूंढ़ता है यहाँ
अपनी तनहा सी ज़िन्दगी के लिए !

क़लम उठाते हैं काग़ज़
से दिल्लगी करते हैं
लफ़्ज़ों के शहर में एक
पाक मोहब्बत करते है !

कुछ यूँ हुवा हाल दिल्लगी में चोट खाकर
वफाए फितरत में रह गई और मोहब्बत से वास्ता न रहा !

धड़कनें बढ़ा गई उसकी जरा सी दिल्लगी
खुदा करे उसका जाक ही सच हो जाए!

dillagi 2 line shayari

टूटे हुए दिल ने भी उसके लिए
दुआ मांगी न जाने कैसी दिल्लगी थी
उस बेवफा से मैंने आखिरी ख्वाहिश
में भी उसकी वफ़ा मांगी!

ये मज़ा था दिल्लगी का
कि बराबर आग लगती
न तुम्हें क़रार होता
न हमें क़रार होता !

Dillagi shayari for bf

दिल की इस लगी को न
दिल्लगी समझिए मौत का सामान है
इश्क इसको न जिंदगी समझिए!

अच्छी नहीं होती है गरीबों से दिल्लगी
टूटा कहीं जो दिल तो बनाया न जायेगा!

हमने तो बिना सोचे ही उनसे
दिल्लगी कर ली
अगर सोच के करते तो
कभी मोहब्बत ना होती

चाहत है या दिल्लगी या
यूँ ही मन भरमाया है
याद करोगे तुम भी कभी
किस से दिल लगाया है!

दिल्लगी में बहुत जख्म मिले
मेरा मेहबूब मुस्कुराता बहुत था !

अच्छी नहीं होती है गरीबों से दिल्लगी
टूटा कही जो दिल तो बनाया न जायेगा !


Final words on Dillagi shayari


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