Manzil Shayari | 279+ मंजिल शायरी इन हिन्दी (2024)

Manzil Shayari : दोस्तों मंजिल शब्द का हमारे जीवन में बहुत बड़ा महत्व होता है। आजकल की भाग-दौड़ व प्रतिस्पर्धा की दुनिया में कोई भी किसी से पीछे नहीं रहना चाहता। क्योंकि सभी के जीवन का मकसद अलग-अलग होता है। इसलिये सबकी मंजिल भी अलग-अलग होती है। मंजिल पाकर फिर दूसरी मंजिल के लिए निकल जाते है। अब कहाँ लोग दो पल सुकून के गुजारते हैं। इस भागमभाग जिन्दगी में हर व्यक्ति को अपनी मंजिल तक पहुँचना है।

तो इसी संदर्भ में हम आज आपके लिए manzil shayari का यूनिक कलेक्शन लेकर आए है। इस पोस्ट में मैं आपके साथ Motivational manzil shayari, Manzil pana shayari साझा कर रही हूं। हम आशा करते है कि आप सभी को यह शायरियां पसंद आएगी। तो आइए दोस्तों आज कि इस शानदार पोस्ट को पढ़ना शुरू करते है।

Manzil shayari

सफलता की दौड़ में अपनों को छोड़ आए है
मंजिल पाने की जिद में घर छोड़ आए है..!!!

है जिंदगी अब तो मुझे मंजिल का पता दे
उम्मीद छूट रही है मेरी मेरी इसे ढूंढते ढूंढते..!!!

manzil shayari

ए जिंदगी मुश्किलों से कह दो
उलझा ना करे हमसे
हमें हर कोशिश से लड़ना आता है..!!!

Life ki Manzil shayari

मंजिल तो उन्हे मिलती है
जिनकी तकदीर अच्छी होती है
फूटी किस्मत वालों की नसीब में
तो गमों की बारिश होती है..!!!

Manzil shayari status

मेरी पतंग भी तुम हो
उसकी ढील भी तुम
मेरी पतंग जहां कटकर गिरे
वह मंज़िल भी तुम !!

Manzil shayari1

जमाना मेरी मंजिल की राह में कांटे बिछाता रहा
और मैं अपने जीत की तरफ कदम बढ़ाता रहा..!

Manzil shayari2

अनजानी राहो का
सफर मुश्किल लगता है
राही जमाने के रंगो
से बेखबर लगता है..!

Manzil shayari3

मुसाफिर को रास्ते के
पत्थर स्वयं ही हटाने होगे
खुद ही अपनी मंजिल की
तरफ कदम बढ़ाने होगे..!

Manzil shayari4

ऐ मंजिल तुझे हासिल करके रहूंगा
अभी मैं चल रहा हूं पर ठहरा नही हूं..!

Manzil shayari5

सफर बहुत लंबी होगी
रास्ते से मंजिल की दूरी होगी
मंजिल पर पहुंचेगा वही जिसकी
हर हाल में चलने की ज़िद होगी..!

manzil shayari in urdu

मंजिल मिलने से दोस्ती भुलाई नहीं जाती
हमसफ़र मिलने से दोस्ती मिटाई नहीं जाती
दोस्त की कमी हर पल रहती है यार
दूरियों से दोस्ती छुपाई नहीं जाती !!

Safar manzil shayari

रास्ते मुश्किल है पर हम मंज़िल
ज़रूर पायेंगे
ये जो किस्मत अकड़ कर बैठी है इसे
भी ज़रूर हरायेंगे !!

हर सपने को अपनी साँसों में रखे
हर मंज़िल को अपनी बाहों में रखे
हर जीत आपकी ही है
बस अपने लक्ष्य को अपनी निगाहों में रखे !!

बेताब तमन्नाओ की कसक रहने दो
मंजिल को पाने की कसक रहने दो
आप चाहे रहो नज़रों से दूर
पर मेरी आँखों में अपनी एक
झलक रहने दो !!

मंज़िल का पता है न किसी
राहगुज़र का
बस एक थकन है कि जो
हासिल है सफ़र का !!

उल्फत में अक्सर ऐसा होता है
आँखे हंसती हैं और दिल रोता है
मानते हो तुम जिसे मंजिल अपनी
हमसफर उनका कोई और होता है !!

Manzil quotes in hindi

मंज़िले ख़ुद राह दिखाती है अग़र
ख़्वाहिश बुलन्द हो तो
खुदा की रहमत मंज़िल बन जाती है !!

रास्तों पर निगाह रखने वाले
भला मंज़िल कहाँ देख पाते हैं
मंज़िलों तक तो वही पहुँचते हैं
जो रास्तों को नज़रअंदाज़ कर जाते हैं !!

raste shayari

किस हद तक जाना है ये कौन जानता है
किस मंजिल को पाना है ये कौन जानता है
दोस्ती के दो पल जी भर के जी लो किस
रोज़ बिछड जाना है ये कौन जानता है !!

मंज़िल होगी आसमाँ ऐसा यकीं कुछ कम है
अपने नक्शे के मुताबिक़ ये ज़मीं कुछ कम है !!

मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर
लोग साथ आते गये और कारवाँ बनता गया !!

ना किसी से ईर्ष्या ना किसी से कोई होड़
मेरी अपनी मंजीले मेरी अपनी दौड़ !!

Manzil shayari in hindi

इन उम्र से लम्बी सड़को को
मंज़िल पे पहुंचते देखा नहीं
बस दोड़ती फिरती रहती हैं
हम ने तो ठहरते देखा नहीं !!

किसी को घर से निकलते ही मिल गई मंज़िल
कोई हमारी तरह उम्र भर सफ़र में रहा !!

जहाँ याद न आये तेरी वो तन्हाई किस काम की
बिगड़े रिश्ते न बने तो खुदाई किस काम की
बेशक़ अपनी मंज़िल तक जाना है हमें
लेकिन जहाँ से अपने न दिखें वो
ऊंचाई किस काम की !!

मंज़िल जुदा राहें जुदा फिर भी जुदा नहीं
वो चला गया पर क्यों मैं उससे ख़फा नहीं !!

entry shayari

एक ना एक दिन हासिल कर ही लूंगा मंज़िल
ठोकरे ज़हर तो नहीं जो खा कर मर जाऊंगा !!

मंज़िले हमारे करीब से गुज़रती गयी जनाब
और हम औरो को रास्ता
दिखाने में ही रह गये !!

Rasta manzil shayari

जो नज़रें रूकती नहीं ढूढंते
हुए मंज़िल-ए-अहम
उन नज़रों की गिरफ़्त में एक
ज़माना आज भी क़ैद हैं !!

ये राहें ले ही जाएँगी मंज़िल तक
हौसला रख
कभी सुना है कि अंधेरों ने
सवेरा ना होने दिया !!

सारे सितारे फ़लक से ज़मीं पर
जब उतर कें आयेंगे
फिर हम तेरी यादों के साथ रात
भर दिवाली मनायेंगे !!

अगर निगाहे हो मंज़िल पर और कदम हो राहो पर
ऐसी कोई राह नही जो मंज़िल तक ना जाती हो !!

ये भी क्या मंज़र है बढ़ते हैं न रुकते हैं क़दम
तक रहा हूँ दूर से मंज़िल को
मैं मंज़िल मुझे !!

मैने इक माला की तरह तुमको
अपने आप मे पिरोया हैं
याद रखना टूटे अगर हम तो
बिखर तुम भी जाओगे !!

Manzil shayari for statudent

rasta quotes in hindi

एक मंज़िल है मगर राह कई हैं
सोचना ये है कि जाओगे
किधर से पहले !!

सिर्फ़ इक क़दम उठा था ग़लत
राह-ए-शौक़ में
मंज़िल तमाम उम्र मुझे ढूँढती रही !!

उसे न चाहने की आदत उसे
चाहने का जरिया बन गया
सख्त था मैं लड़का अब प्यार
का दरिया बन गया !!

हौसले बुलंद रखो मंज़िल मिल ही जाएगी
काँटों पर चलने वालों को
फूलों की राह मिलेगी !!

मंज़िल तो मिल ही जायेगी भटक कर ही सही
गुमराह तो वो हैं जो घर से निकला ही नहीं !!

मंजिल उन्हीं को मिलती है
जिनके हौसलों में जान होती है
और और बंद भट्ठी में भी दारू उन्हीं को मिलती है
जिनकी भट्ठी में पहचान होती है !!

Meri manzil shayari

किसी को घर से निकलते ही
मिल गई मंजिल कोई हमारी
तरह उम्र भर सफ़र में आया!!

डर मुझे भी लगा फांसला देख कर
पर मैं बढ़ता गया रास्ता देख कर
खुद ब खुद मेरे नज़दीक आती गई
मेरी मंज़िल मेरा हौंसला देख कर !!

raah shayari

मंज़र धुंधला हो सकता है मंज़िल नहीं
दौर बुरा हो सकता है ज़िंदगी नहीं !!

हूँ चल रहा उस राह पर जिसकी कोई मंज़िल नहीं
है जुस्तजू उस शख़्स की जो कभी हासिल नहीं !!

मंजिल मिले या ना मिले ये तो
मुकद्दर की बात है हम कोशिश भी
ना करे ये तो गलत बात हैं !!

रास्ते कहां खत्म होते हैं ज़िन्दगी के सफ़र में
मंज़िल तो वही है जहां ख्वाहिशें थम जाएं !!

Manzil shayari rekhta

नहीं निगाह मे मंज़िल तो जुस्तजू ही सही
नहीं विसाल मयस्सर तो आरज़ू ही सही !!

अपनी मंज़िल पे पहुँचना भी
खड़े रहना भी
कितना मुश्किल है बड़े हो के बड़े
रहना भी कितना मुश्किल है !!

जिस दिन से चला हूँ मेरी मंज़िल पे नज़र है
आँखों ने अभी मील का पत्थर नहीं देखा !!

मंज़िल तो मिल ही जायेगी भटक कर ही
सही गुमराह तो वो हैं जो घर से
निकला ही नहीं करते !!

manjile status

तू साथ चलता तो शायद मंज़िल मिल जाती
मुझे मुझे तो कोई रास्ता पहचानता नहीं !!

अगर दिलकश हो रास्ता
फिर तो फिकर ही नहीं है
ना मिले मंजिल ना सही
फिर भी जिन्दगी हंसीं है !!

Manzil shayari two lines

रास्तों पर निगाह रखने वाले
भला मंज़िल कहाँ देख पाते हैं !!

सीढ़ी की आसानी तुम्हे मुबारक हो
मैंने अपनी दम पर मंज़िल पाई है !!

हम खुद तराशते हैं मंजिल के संग ए मील
हम वो नहीं हैं जिन को ज़माना बना गया !!

सामने मंज़िल थी और पीछे उस की आवाज़
रुकता तो सफर जाता चलता तो बिछड़ जाता !!

जिंदगी न मंज़िल में मिली और न राहों में मिली
ज़िन्दगी जब भी मिली तेरी ही बाहों में मिली !!

बढ़ते चले गए जो वो मंज़िल को पा गए
मैं पत्थरों से पाँव बचाने में रह गया !!


Final words on Manzial shayari


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