Khuda Shayari : ख़ुदा और ईश्वर में रचनाकारो की दिलचस्पी हमेशा से रही है, शायर और रचनाकार उसके अस्तित्व पर सवाल खड़े करते है, रचना के कुछ लम्हे ऐसे भी आते है, जब ख़ुद रचना ईश्वर का प्रमाण बनने लगती है, सूफ़ी शायरों के यहाँ ख़ुदा से राज़-ओ-नियाज़ अर्थात रहस्य की बाते और दुआ का एक अलग रूप नज़र आता है, दोस्तों खुदा पर मशहूर शायरों ने अलग-अलग अंदाज में शायरी लिखी है। जो शेर-ओ- शायरी के कद्रदानों को बेहद पसंद आयेंगी। इन शायरियों के माध्यम से आप अपनी भावनाओं को आसानी से बयां कर सकते है।
तो इसलिए प्यारे मित्रों आज की नई पोस्ट में हमने आपके लिए Khuda par shayari कुछ खास अंदाज में पेश कर रहे है। तो आइए दोस्तो आज हम खुदा की रहमत पर लिखी गई इन शायरियों को पढ़ना शुरू करते है।
khuda shayari
हाथों की लकीरों में तुम नहीं मगर
दिल की हर धड़कन में नाम तुम्हारा है
इसीलिये मेरी जिंदगी पर रब तेरा ही सहारा है..!!
ऐ मेरे खुदा तेरी रहमतो से ही मैं
इंसानियत को जान पाया हूं
इसीलिए मैं इस दुनिया में
मैं खुद को काबिल बन पाया हू.!
जब खुदा तेरे सब्र का सिला देगा तब
तुमने क्या खोया वो तुम्हे याद नही रहेगा..!
ए खुदा अगर यही
होता रहा तो किधर जाएंगे
ये तेरे बंदे तेरे ही दोनो
के हाथ मर मारे जाएंगे..!
मोहब्बत कि इससे
बड़ी मिसाल क्या होगी कि
मेरा खुदा मेरे लिए दुआ मांगता है..!
मोहब्बत का मतलब
हमने इतना ही जाना है
एक को चाहा है और
उसी को खुदा माना है..!
तेरी किस्मत मेरी किस्मत जैसी है
और तू मेरी परछाई है
ना जाने इस सच्चाई ने भी
कितनी तकलीफ दिलाई है..!
ढूंढता हूं हर लम्हे में मैं उसको
एक ही लम्हा मुझसे वो जुदा ना हुआ
क्या मिला सजदे में सर झुका के
यदि दिल में खुदा ना हुआ..!
कश्तियाँ सब की किनारे पे पहुँच जाती हैं
जिन का कोई नहीं उन का ख़ुदा होता है !!
khuda shayari in hindi
मिट जाए गुनाहों का तसव्वुर ही जहाँ से
अगर हो जाये यकीन के खुदा देख रहा है !!
किसी को ये खौफ के खुदा न देख ले
किसी की ये आरज़ू के खुदा देखता रहे !!
सामने है जो उसे लोग बुरा कहते हैं
जिस को देखा ही नहीं उस
को ख़ुदा कहते हैं !!
वो पहले सा कहीं मुझको
कोई मंज़र नहीं लगता
यहाँ लोगों को देखो अब ख़ुदा
का डर नहीं लगता !!
नहीं बदल सके हम खुद को
औरों के हिसाब से
एक लिबास मुझे भी दिया है खुदा
ने अपने हिसाब से !!
आशिक़ी से मिलेगा ऐ ज़ाहिद
बंदगी से ख़ुदा नहीं मिलता !!
Khuda shayari two line
मुझे खुदा के इन्साफ पर उस दिन
यकीन हो गया
जब मैंने अमीर और गरीब का एक
जैसा कफ़न देखा !!
इश्क न हुआ कोहरा हो जैसे
तुम्हारे सिवा कुछ भी दिखता ही नहीं !!
ऐ सनम जिस ने तुझे चाँद सी
सूरत दी है
उसी अल्लाह ने मुझ को भी
मोहब्बत दी है !!
कर लेता हूँ बर्दाश्त तेरा हर
दर्द इसी आस के साथ
की खुदा नूर भी बरसाता है
आज़माइशों के बाद !!
इश्क किया या खता खुदा जाने
तुम्हारे पास वक्त नहीं
हमारे पास तुम नही !!
ख़ुदा ऐसे एहसास का नाम है
रहे सामने और दिखाई न दे !!
Khuda par shayari
बंदगी हमने छोड़ दी ए फ़राज़
क्या करें लोग जब
ख़ुदा हो जाएँ !!
जो भी सीखा है सब भुलाना है
खोज तो खुद की है
खुदा तो बहाना है !!
बस जान गया मैं तेरी
पहचान यही है
तू दिल में तो आता है
समझ में नहीं आता !!
बाद मरने के मिली जन्नत
ख़ुदा का शुक्र है
मुझको दफ़नाया रफ़ीक़ों
ने गली में यार की !!
धीरे धीरे अपना बना रहा है कोई
प्यार के सुहाने सपने दिखा रहा है कोई
ए खुदा ये सच्ची मुहब्बत है य़ा चुना
लगा रहा है कोई !!
इतना ख़ाली था अंदरूँ मेरा
कुछ दिनों तो ख़ुदा रहा मुझ में !!
Khuda shayari for girl
हैरान हूँ तेरा इबादत में
झुका सर देखकर
ऐसा भी क्या हुआ जो
खुदा याद आ गया !
पूजा था जिसको वो खुदा ना बन सका
इबादत करते करते हम फ़कीर बन गए !!
मुझ को ख़्वाहिश ही ढूँडने की न थी
मुझ में खोया रहा ख़ुदा मेरा !!
सलीक़ा ही नहीं शायद उसे
महसूस करने का
जो कहता है ख़ुदा है तो नज़र
आना ज़रूरी है !!
बहुत तंग हूं ज़िंदगी से
ए खुदा या उससे मिला दे
या अपने पास बुलाले !!
ख़ुदा से माँग जो कुछ माँगना
है ऐ अकबर
यही वो दर है कि ज़िल्लत
नहीं सवाल के बाद !!
Khuda se shikayat shayari
मोहब्बत की आजमाइश दे दे कर
थक गया हूँ ऐ खुदा
किस्मत मे कोई ऐसा लिख दे
जो मौत तक वफा करे !!
121 करोड़ की आबादी में
एक शख्स अच्छा लगा
अगर वो भी न मिले तो
ऐ खुदा शिकवा तो बनता है !!
वफ़ा जिस से की बेवफ़ा हो गया
जिसे बुत बनाया ख़ुदा हो गया !!
सुनकर ज़माने की बातें तू अपनी
अदा मत बदल
यकीं रख अपने खुदा पर यूँ बार बार
खुदा मत बदल !!
खुदा ने पूछा क्या सजा दू
तेरे प्यार को
दिलसे आवाज आई मुझसे मोहब्बत
हो जाए मेरे यार को !!
इस भरोसे पे कर रहा हूँ गुनाह
बख़्श देना तो तेरी फ़ितरत है !!
Khuda ke liye shayari
हम मुतमईन है उस की रजा के बगैर भी
हर काम चल रहा है खुदा के बगैर भी !!
किताब सी शख्सियत दे ए मेरे खुदा
सब कुछ कह दू खामोश रहकर !!
आता है दाग़-ए-हसरत-ए-दिल
का शुमार याद
मुझ से मेरे गुनह का हिसाब
ऐ ख़ुदा न माँग !!
अपना तो आशिकी का
किस्सा-ए-मुख़्तसर है
हम जा मिले खुदा से दिलबर
बदल- बदल कर !!
फकीर मिजाज़ हूं मैं अपना अंदाज
औरो से जुदा रखता हूं
लोग जाते है मंदिर मस्ज़िद में
अपने दिल में खुदा रखता हूं !!
लौट आती है हर बार दुआ मेरी खाली
जाने कितनी ऊंचाई पर खुदा रहता है !!
Allah ki shayari
प्यार का तो पता नहीं पर खुदा
एक दोस्त ऐसा दे
जो मोहब्बत को भी मात दे दे !!
गुनाह गिन के मैं क्यूँ अपने
दिल को छोटा करूँ
सुना है तेरे करम का कोई
हिसाब नहीं !!
लाख ढूंढें गौहर-ए-मक़सूद
मिल सकता नहीं
हुक्म खुदा का न हो तो पत्ता
भी हिल सकता नहीं !!
जरा ये धूप ढल जाए तो हाल पूछेंगे
यह कुछ साए अपने आपको
खुदा बताते हैं !!
अल्लाह अगर तौफ़ीक़ न दे इंसान
के बस का काम नहीं
फ़ैज़ान-ए-मोहब्बत आम सही
इरफ़ान-ए-मोहब्बत आम नहीं !!
खुदा को भूल गए लोग फ़िक्र-ए-रोज़ी में
तलाश रिज्क की है राजिक
का ख्याल ही नहीं !!
Islamic shayari in hindi
नसीब में कुछ रिश्ते अधूरे लिखे होते हैं
लेकिन उन की यादें बहुत खूबसूरत होती है !!
जो चाहिए सो माँगिये अल्लाह से अमीर
उस दर पे आबरू नहीं जाती सवाल से !!
करम जब आला-ए-नबी का शरीक होता है
बिगड़ बिगड़ कर हर काम ठीक होता है !!
उसी का इमान बदल गया है
कभी जो मेरा खुद रहा था !!
सब लोग अपने अपने ख़ुदाओं
को लाए थे
इक हम ही ऐसे थे कि हमारा
ख़ुदा न था !!
तेरा करम तो आम है दुनिया के वास्ते
मैं कितना ले सका ये मुकद्दर की बात है !!
Allah shayari in hindi
सब्र इतना रखो की इश्क़
बेहूदा ना बने
खुदा मेहबूब बन जाए पर
महबूब खुदा ना बने !!
फ़रिश्ते हश्र में पूछेंगे पाक-बाज़ों से
गुनाह क्यूँ न किए क्या
ख़ुदा ग़फ़ूर न था !!
एक मुद्दत के बाद हमने ये
जाना ऐ खुदा
इश्क तेरी ज़ात से सच्चा है
बाकी सब अफ़साने !!
अल्फ़ाज़ों में क्या बयां करें अपनी
मोहब्बत के अफ़साने
हमारे में तो तुम ही हो तुम्हारे
दिल की खुदा जाने !!
मीर बंदों से काम कब निकला
माँगना है जो कुछ ख़ुदा से माँग !!
मोहब्बत कर सकते हो तो खुदा से करो
मिटटी के खिलौनों से कभी
वफ़ा नहीं मिलती !!
आंसू वो खामोश दुआ है
जो सिर्फ खुदा ही सुन
सकता है !!
अच्छा यक़ीं नहीं है तो कश्ती डुबा के देख
इक तू ही नाख़ुदा नहीं
ज़ालिम ख़ुदा भी है !!
ना जहां मांगा है ना आसमां
मांगा है तुझसे ए खुदा मैंने तो
मेरे हिस्से में बस उसे ही मांगा है !!
जग में आ कर इधर उधर देखा
तू ही आया नज़र जिधर देखा !!
उसने महबूब ही तो बदला है
फिर ताज्जुब कैसा
दुआ कबूल ना हो तो लोग खुदा
तक बदल देते हैं !!
ओ मेरे मसरूफ़ ख़ुदा
अपनी दुनिया देख ज़रा !!
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वही रखेगा मेरे घर को बलाओं से महफूज़
जो शज़र से घोंसला गिरने नहीं देता !!
जब सफ़ीना मौज से टकरा गया
नाख़ुदा को भी ख़ुदा याद आ गया !!
हर ज़र्रा चमकता है अनवर-ए-इलाही से
हर सांस ये कहती है हम हैं तो खुदा भी है !!
ना जाने कैसे परखता है मुझे मेरा खुदा
इम्तिहान भी सख्त लेता है ओर मुझे
हारने भी नहीं देता !!
तमाम पैकर-ए-बदसूरती है मर्द की ज़ात
मुझे यक़ीं है ख़ुदा मर्द हो नहीं सकता !!
बड़ी कशमकश है ए खुदा
थोड़ी रहमत कर दे
या तो ख्वाब ना दिखा
या मुकम्मल कर दे !!
रहने दे अपनी बंदगी ज़ाहिद
बे-मोहब्बत ख़ुदा नहीं मिलता !!
हम ख़ुदा के कभी क़ाइल ही न थे
उन को देखा तो ख़ुदा याद आया !!
अगर तेरी ख़ुशी है तेरे बंदों की मसर्रत में
तो ऐ मेरे ख़ुदा तेरी ख़ुशी से कुछ नहीं होता !!
Final words on Khuda shayari
प्यारे साथियों आप सभी का हमारी आज की नई पोस्ट khuda shayari पढ़ने के लिए धन्यवाद। हम आशा करते हैं कि आपको यह शायरियां पसंद आई होगी और तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में अपने अनमोल विचारो को बता सकते है, हमारी टीम से जुड़े रहने के लिए आपको हमारी वेबसाइट Shayarifarm.com पर विजिट कीजिए।