(299)+ Insaniyat Shayari | इंसानियत शायरी हिंदी में {2024}

Insaniyat Shayari in Hindi : नमस्कार दोस्तों आज की पोस्ट में हम आपके लिए लेकर आये है, ऐसी इंसानियत शायरियां जो अन्य किसी भी साइट में पढ़ने को नही मिलेंगी। हमारी इन इंसानियत शायरी की मदद से आप इंसानियत के असली रूप को समझेंगे, जिससे आपके दिल में भी इंसानियत जग जाएगी। तो दोस्तों चलिए बिना देर किए आज की पोस्ट शुरू करते है।

तो इसलिए दोस्तो आज की ब्लॉग पोस्ट मैं हमने आपके लिए Neki par shayari का यूनिक कलेक्शन लेकर आए है इसमें हमने आपके साथ शेयर कर रही है। हम गुजारिश करते है कि आप सभी को यह शायरियां पसंद आएगी और इंसानियत के बारे में आपको सिखाएगी।

Insaniyat shayari

मैंने इंसान के ही हाथो
इंसानियत को मरते देखा है..!

आज का इंसान इंसानियत भूल रहा है
मतलब का चेहरा दिखा कर जिंदगी जी रहा है..!!!

इंसान का इंसानियत से रिश्ता बड़ा होता है
इसी से जुड़ा इंसान का हर कर्म होता है..!!!

पहले जमीन बंटी फिर घर भी बंट गया
इंसान अपने आप मे कितना सिमट गया !

Insaniyat shayari

जनाब अपराध की बस्ती है
फरेबियो का जाल है
कैसे बचे इंसानियत
यहां तो हर तरफ धोखेबाज है.!!

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खोखली बाते और मक्कारिओ का दौर है
इंसानियत और खुद्दारी
दम तोड़ के तोड़ चुकी है.!!

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कुछ तो मेरे सीने में भी ईमान रहने दो
काफिर नही हूं मैं मुझे तो इंसान ही रहने दो.!!

Insaniyat shayari1

होठो पर मुस्कान रहे
हर दम तेरा ध्यान रहे
जिस दिल में इंसानियत
उस दिल में भगवान रहे..!

Insaniyat shayari2

मजहब की गुलामी करते-करते
भूल गए हम इंसानियत..!

किराए के घर को
अपना मकान समझते है
यह भूत है पत्थर के खुद
को इंसान सोचते है.!

Insaniyat par shayariya

Insaniyat shayari5

क्यो उस नन्ही सी जान
को हलाल करके खाता है
तो इंसान ही है ना क्या
तुझे रहम नही आता है..!

शब्दों से बढ़ती है
कागजों की कीमत
परोपकार से बढ़ती है
इंसानियत की कीमत..!

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दुनिया पे ऐसा वक़्त
पड़ेगा कि एक दिन इन्सान
की तलाश मे इन्सान जाएगा

जिंदगी इंसान से बनाई है
मैने हैसियत से बनाई
होती तो हम भी मशहूर होते !

जिंदगी की वैलिडिटी भले
ही कम हो पर इंसानियत का
बैलेस कभी कम नही होना चाहिए !

इंसानियत की राह पर तुम्हे
चलना होगा ठोकरे खाकर
ही ​भी तुम्हे संभलना होग

Insaniyat shayari two line

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निभाते नही है वह लोग
आजकल वरना इंसानियत
से बड़ा कोई रिश्ता नही !

आइना कोई ऐसा बना दे
ऐ खुदा जोइंसान का चेहरा
नही किरदार दिखा दे !

मन की ईर्ष्या हमे
कामयाबी से दूर रखती है
आखिर इंसानियत ही
इंसान को जिंदा रखती है !

इंसानियत की बात तो इतनी है
शैख़ जी बदकिस्मती से
आप भी इन्सान बन गए !


Final words on Insaniyat shayari


आशा करती हूं कि प्रिय पाठकों हमारी आज की ये पोस्ट insaniyat shayari पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। आपके ये पोस्ट कैसी लगी हमें कमेट करके जरूर बताएं। और दोस्तों वाकई अगर ये पोस्ट आपके दिल को छू गई है, तो इसे सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करे।