Majburi Shayari : दोस्तो हर किसी के जीवन में ऐसी परिस्थिति आती है जब व्यक्ति मजबूर हो जाता है। मजबूरी इंसान को कमजोर बना देती है। कभी-कभी मजबूरी में इंसान को ऐसे काम भी करने पड़ते है जो वह करना नही चाहता है। मजबूरी में इंसान हर वो कार्य करता है जिसे करने के लिए वह कभी नही सोचता है जीवन में बहुत कम लोग ऐसे मिलते है जो आपकी मजबूरी समझते हो. दुनिया इतनी चालबाज हो गई है कि मजबूरी कम और बहाना ज्यादा लगता है।
आज की इस पोस्ट में हम आपके लिये लेकर आये है मजबूरी पर खास शायरियाँ जिन्हे आप शेयर करके अपने मन की बात साझा कर सकते है। इस पोस्ट में हम आपके साथ जिम्मेदारी से मजबूर शायरी, मेरी मजबूरी शायरी, Majboori status साझा कर रहे है। हम गुजारिश करते है कि आप सभी दोस्तो को यह शायरियां पसंद आई होगी तो आइए दोस्तो बिना समय गवाएं इन शायरियो को पढ़ना शुरू करते है।
Majburi shayari
मजबूरी ही इंसान को जीना सिखाती है
इसी से जिंदगी की कहानी लिखी जाती है..!!
कोई मजबूरी होगी जो वफा
कर ना सके
मेरे मेहबूब को ना शामिल
करो बेवफाओ में !!
मजबूरियों के नाम है जिंदगी
कही सुबह तो कही शाम है जिंदगी
आप मुझे मजबूर ना करो इश्क करने को
कही छुप कर दो कही सरेआम है जिंदगी.!!
जब बदलने की
आदत होती है किसी की
फिर मजबूरियां रखनी
होती है भूलने की..!
उसकी बेवफाई के
चर्चे सारे शहर मे थे
उसकी मजबूरी उसके
भीतर ही दफन हो गई..!
अकेला कहां है कोई
इंसान इस जहान में
मजबूरियां और जरूरते
साथ लिए फिरता है..!
ए जिंदगी बहुत मजबूर थे हम
क्या करे नशे में चूर थे हम..!
कुछ तो मजबूरी
उसकी भी रही होगी
यूं ही नही कोई अपने
प्यार को छोड़ देता है..!
मेरी मजबूरी को समझो जो
तुम्हारा साथ ना दे पाई
दिल तो मेरा यही चाहता है
की बन जाऊं तेरी परछाई..!
Majburi shayari in hindi
किसी की मजबूरी
कोई समझता नहीं
दिल टूटे तो दर्द होता है
मगर कोई कहता नहीं !!
कभी गम तो कभी ख़ुशी देखी
हमने अक्सर मजबूरी और बेबसी देखी
उनकी नाराज़गी को हम क्या समझें
हमने तो खुद अपनी तकदीर
की बेबसी देखी !!
क्या गिला करें तेरी मजबूरियों का हम
तू भी इंसान है कोई खुदा तो नहीं
मेरा वक़्त जो होता मेरे मुनासिब
मजबूरिओं को बेच कर तेरा
दिल खरीद लेता !!
आप दिल से यूँ पुकारा ना करो
हमको यूँ प्यार से इशारा ना करो
हम दूर हैं आपसे ये मजबूरी है हमारी
आप तन्हाइयों मे यूँ रुलाया ना करो !!
मजबूरियॉ ओढ़ के निकलता हूं
घर से आजकल
वरना शौक तो आज भी है
बारिशों में भीगनें का !!
चाँद की चांदनी आँखों में उतर आयी
कुछ ख्वाब थे और कुछ मेरी तन्हाई
ये जो पलकों से बह रहे हैं हल्के हल्के
कुछ तो मजबूरी थी कुछ तेरी बेवफाई !!
Majbooriyan shayari
मिलना एक इत्तेफ़ाक है
और बिछड़ना मजबूरी है
चार दिन की इस जिन्दगी में
सबका साथ होना जरूरी है !!
कितने मजबूर हैं हम
प्यार के हाथों
ना तुझे पाने की औकात
ना तुझे खोने का हौसला !!
जब कोई आपसे मजबूरी में जुदा होता है
जरूरी नही वो इंसान वेबफा होता है
जब कोई देता आपको जुदाई के आँसू
तन्हाइयों में वो आपसे ज्यादा रोता है !!
थके लोगों को मजबूरी में
चलते देख लेता हूँ
मैं बस की खिड़कियों से ये
तमाशे देख लेता हूँ !!
फिर यूँ हुआ कि जब भी
जरुरत पड़ी मुझे
हर शख्स इत्तफाक से
मजबूर हो गया !!
मेरे दिल की मजबूरी को कोई इल्जाम न दे
मुझे याद रख बेशक मेरा नाम न ले
तेरा वहम है कि मैंने भुला दिया तुझे
मेरी एक भी साँस ऐसी नहीं जो
तेरा नाम न ले !!
Majburi par shayari
हमने खुदा से बोला वो छोड़ के चली गई
न जाने उसकी क्या मजबूरी थी
खुदा ने कहा इसमें उसका कोई कसूर नहीं
ये कहानी तो मैंने लिखी ही अधूरी थी !!
दम तोड़ जाती है हर शिकायत
लबों पे आकर
जब मासूमियत से वो कहती है
मैंने क्या किया है !!
क्यूँ करते हो वफ़ा का सौदा
अपनी मजबूरिओं के नाम पर
मैं तो अब भी वो ही हूँ
जो तेरे लिए जमाने से लड़ा था !!
किसी की मजबूरी का मजाक
ना बनाओ यारों
जिन्दगी कभी मौका देती है तो
कभी धोखा भी देती है !!
लिख दूं किताबें तेरी मासूमियत
पर फिर डर लगता है
कहीं हर कोई तेरा तलबगार
ना हो जाये !!
Two Line majboori shayari
महफिल मैं कुछ तो सुनाना पडता है
ग़म छुपाकर मुस्कुराना पडता है
कभी उनके हम भी थे दोस्त
आज कल उन्हे याद दिलाना पडता है !!
उन्हें चाहना हमारी कमजोरी है
उन से कह न पाना हमारी मजबूरी है
वो क्यू नै समझते हमारी खामोशी को
मुस्कुरा देता हूँ अक्सर देखकर पुराने खत तेरे
तू झूठ भी कितनी सच्चाई से लिखती थी !!
मजबूरी में जब जुदा होता है
ज़रूरी नहीं के वो बेवफा होता है
दे कर वो आपकी आँखों में आँसू
अकेले में आपसे भी ज्यादा रोता है !!
बोझ उठाना शौक़ कहाँ है
मजबूरी का सौदा है रहते रहते
स्टेशन पर लोग क़ुली हो जाते हैं !!
माना के मर जाने पर भुला दिए जाते है
लोग जमाने में पर मै तो अभी जिन्दा हूँ
फिर कैसे उसने मुझे भुला दिया !!
Halat se majboor shayari
ये न समझ के मैं भूल गया हूँ तुझे
तेरी खुशबू मेरी सांसो में आज भी है
मजबूरी ने निभाने न दी मोहब्बत
सच्चाई तो मेरी वफ़ा में आज भी है !!
वो रोए बहुत पर मुह मोड़ के रोए
कोई तो मजबूरी होगी दिल तोड़ कर रोए
मेरे सामने कर दिए मेरे तस्वीर के टुकड़े
पता चला पीछे वो उन्हें जोड़ के रोए !!
तेरी ख़ामोशी अगर तेरी मजबूरी है
तो रहने दो इश्क़ भी कौन सा जरूरी है !!
खामोशी समझदारी भी है
और मजबूरी भी
कहीं नज़दीकियां बढ़ाती है
और कहीं दूरी भी !!
ज़िंदगी में कुछ ऐसे रास्ते भी आते
कभी-कभी
जंहा से गुजरना सिर्फ़ और सिर्फ़
मज़बूरी होती हैं !!
अपना बनाकर फिर कुछ दिनों में
बेगाना बना दिया
भर गया दिल हमसे और मजबूरी
का बहाना बना दिया !!
Majburi shayari for gf
आती जाती साँसों सी कट रही है ज़िन्दगी
साँस लेना ज़िन्दगी की मज़बूरी हो जैसे !!
कोई मजबूरी होगी जो वो याद
नहीं करते
सम्भल जा ऐ दिल तुझे तो रोने
का बहाना चाहिए !!
क्या थी मजबूरी तेरी
जो रस्ते बदल लिए तूने
हर राज कह देने वाले
क्यों इतनी सी बात छुपा ली तूने
किसी की अच्छाई का
इतना भी फायदा मत उठाओ
कि वो बुरा बनने के लिये
मजबूर बन जाये !!
अगर तेरी मजबूरी है भूल जाने की
तो मेरी आदत है तुझे याद रखने की !!
यही तो मज़बूरी है यारों पत्तों में जेक
और लाइफ में ब्रेक लगती है
तब ना इक्का काम आता है ना सिक्का !!
Majburi shayari hd image
एक मजबूर का तन बिकता है
मन बिकता है इन दुकानों में शराफ़त
का चलन बिकता है !!
गुजारिश हमारी वह मान न सके
मज़बूरी हमारी वह जान न सके
कहते हैं मरने के बाद भी याद रखेंगे
जीते जी हमें पहचान न सके !!
मैं मजबूरियां ओढ़ कर निकलता हूँ
घर से आज कल
वरना शौक तो आज भी है
बारिशों में भीगने का !!
जिंदगी शायद इसी का नाम है
दूरियां मजबूरियां तन्हाइयां !!
वो मजबूरियों से घिरा है
वो मजबूर बहुत है
वो डरता नहीं मोहब्बत से
इसलिए मशहूर बहुत है !!
Majburi shayari for bf
Pyar me majburi shayari
Final words on Majburi shayari
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