297+ Mausam Shayari | रोमांटिक मौसम पर शायरी (2024)

Mausam Shayari : दोस्तो आज की खास पोस्ट हम आपके लिये लाये है। मशहूर शायरों द्वारा लिखी सुहाना मौसम पर खास शायरियाँ, जिन्हे आप सोशल मीडिया पर शेयर कर सकते है। मौसम हम सभी को बहुत पसंद होते हैं। मौसम कभी सुहावना होता है तो कभी सर्द व गर्म, कभी चारों तरफ फूल खिले होते है तो कभी पतझड़। मौसम के इन्ही बदलते रंगों को शायरों ने कुछ खास तरह से बयाँ किया है।

तो इसलिए साथियों आज की खास पोस्ट मौसम शायरी मैं हमने आपके साथ कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कर रही हूं इसमें हम आपके साथ Romantic mausam shayari शेयर कर रहे है। हम आशा करते हैं कि यह शायरियां आप सभी को पसंद आएगी।

Mausam shayari

तुम्हारे चेहरे का मौसम बड़ा सुहाना लगे
मैं थोडा लुफ्त उठा लू अगर बुरा न लगे।

इस तरह भिगे हम तेरे लिए बारिश में
क्योकि बरसात के मौसम में भी तेरा अहसास है!

मौसम की मिसाल दूँ या नाम लूँ तुम्हारा
कोई पूछ बैठा है बदलना किसको कहते हैं।

 Mausam shayari

तेरी मोहब्बत के दरिया से
मैं कुछ यूं दूर रहा
जैसे कोई मथुरा में रहकर
के कान्हा से दूर रहा.!!

तेरी याद में ये दिल मेरा मचल रहा है
हद है इसकी भी इतनी सर्दी में भी जल रहा है!

Mausam shayari80

ये मौसम आज बड़ा ही रंगीन है
ठंडी हवाओं के साथ फूलों का खिलना
जीवन को देता सुकून है.!!

मौसम गए चैन गया ज़िन्दगी गई
मोहब्बत की आग में
क्या-क्या गया मत पूछो।

Mausam shayari in hindi 

Mausam shayari6

कितना खूबसूरत ये मौसम का नजारा है
फूलो से सजा ये प्रकृति का सुंदर नजारा है.!!

कहीं फिसल न जाऊं तेरे
ख्यालों में चलते-चलते
अपनी यादों को रोको मेरे
शहर में बारिश हो रही है!

Mausam shayar1

सुना है आज तुम फिर मुझसे खफा है
जाने कैसे मगर मौसमो को भी यह पता है..!

जब तुम अपनी जुल्फों को यू आज़ाद करती हो
मानो ज़म्में पर घटा छा जाती हो !

Mausam shayar2

ये बारिश की बूंदे जब
तेरी जुल्फो को काश यह
नजरे मेरी कही और होती..!

बरस रहा है बादल बेमौसम
तड़प रहा है यह दिल बेवजह..!

Mausam shayar4

प्यासे दो दिल बरसो
बाद मिल रहे थे बिना
मौसम के बरसात तो होनी ही थी..!

सर्द मौसम में बहुत याद आते है
धुँध में लिपटे हुए वादे तेरे।

Suhana mausam shayari

manzil quotes in hindi

दिन छोटे और रातें लम्बी हो चली है
मौसम ने यादों का वक्त बढा दिया!

फिर से तेरी यादों का मेरे दिल में बवंङर है
वही मौसम वही सर्दी वही दिलकश नवम्बर है!

जिसके आने से मेरे ज़ख्म भरा करते थे
अब वो मौसम मेरे ज़ख्मो को हरा करते हैं।

तब्दीली जब आती है
मौसम की अदाओं में
किसी का यूँ बदल जाना
बहुत ही याद आता है।

raaste quotes

अपने किरदार को मौसम से बचाए रखना
लौट कर फूलो में वापस नहीं आती खुशबू।

दिसंबर सा मैं जनवरी से तुम
करीब हो के भी बहुत दूर हैं हम!

मौसम चल रहा है इश्क का साहिब
जरा सम्भल कर के रहियेगा !

कोई रंग नही होता बारिश के पानी में
फिर भी फ़िज़ा को रंगीन बना देता है!

Barish ka mausam shayari

mausam ki shayari

आते जाते मौसम का सिलसिला जारी रहे
हर रोज हम मिलते रहे और फासला बाक़ी रहे !

खूब हौसला बढाया आँधियों ने धूल का
मगर दो बूॅद बारिश ने औकात बता दी!

मेरी सुबह को आज आसमान मिल गया
चाय की चुस्कियो में वो पुराना तूफ़ान मिल गया
देखो आज फिर अपने शहर की गलियों को
फिर से चांदनी चोक की रोनक को पैमान मिल गया!

मेरी तलाश का है जुर्म या मेरी वफा का क़सूर
जो दिल के करीब आया वही बेवफा निकला !

thand ka mausam shayari

अगर इतने ही गिले हैं ऊपरवाले से
तो ख़ुद-ब-ख़ुद क्यूँ नहीं मौसम बदल लेते
यूँ तो बादल भी चलते हैं अपने नियमो से
फिर क्यूँ नहीं तुम अपना रवैया बदल लेते!

कुछ तो तेरे मौसम ही मुझे रास कम आये
और कुछ तेरी मिटटी में बगावत भी बहुत थी।

ये सर्द शामें भी किस कदर ज़ालिम है
बहुत सर्द होती है मगर इनमें दिल सुलगता है!

जालिम ये मौसम तुम्हारी याद दिला देता
जाने-अनजाने में मुझे रुला देता।

‎Romantic mausam shayari

mausam shayari hindi

ए गुलाब अपनी खुशबू को
मेरे दोस्तों पर न्योछावर कर दे
यह सर्दी के मौसम में
अक्सर नहाया नहीं करते।

मौसम का असर है
ना सोच मेरी हमदर्दी है
मुझे ओढ़ ले जान ए मन
बाहर बहुत सर्दी है!

मौसम का रुख बदल रहा है
मेरा मन मचल रहा है
कहता है मेहबूब से मिल ले
अब दिल नहीं संभल रहा है!

मौसम हुआ सुहाना दिल
हुआ गुलजार हो गए
मुस्कुराए वो और हम कर्जदार हो गए!

barsaat ke mausam ki shayari

यह तूफाँ से सीखा है या मौसम से
जो अपना तेवर रोज बदलता है!

कहा पूरी होती है दिल की सभी ख्वाहिशे
की बारिश भी हो यार भी और वो पास भी हो!

आदमी भी जमीर अपना गिरवी रखता है
तो पल-प्रतिपल नियत बदलता है!

रहने दो कि अब तुम भी मुझे पढ़ न सकोगे
बरसात में काग़ज़ की तरह भीग गया हूँ!

Sard mausam shayari

mausam quotes

मासूम सी मोहब्बत का फ़राज़
बस इतना सा फ़साना है
अम्मी घर से निकलने नहीं देती
और मुझे डेट पर जाना है!

मुझे फ़ुरसत ही कहाँ मौसम सुहाना देखूं
मैं तेरी याद से निकलूं तो ज़माना देखूं!

आँख भर आई किसी से जो मुलाक़ात हुई
ख़ुश्क मौसम था मगर टूट के बरसात हुई!

मैं तेरे हिज्र की बरसात में कब तक भीगूँ
ऐसे मौसम में तो दीवारे भी गिर जाती हैं!


Final words on Mausam shayari


उम्मीद करती हूं दोस्तों की हमारे आज की ब्लॉग पोस्ट mausam shayari आप सभी को जरूर पसंद आई होगी। यदि यह शायरियां आपको अच्छी लगी तो इन्हें सोशल मीडिया पर शेयर कीजिए। अधिक जानकारी के लिए आप हमारी वेबसाइट Shayarifarm.com पर विजिट कीजिए। तो मिलती हूं फ्रेंड्स एक और नई पोस्ट के साथ तब तक के लिए आप सभी का धन्यवाद।