Samandar Shayari | 377+ समंदर शायरी हिंदी में (2024)

Samandar shayari : दोस्तो समन्दर पर शेर ओ शायरी का एक अच्छा संकलन हम इस पेज पर प्रकाशित कर रहे है, उम्मीद है यह आपको पसंद आएगा और आप विभिन्न शायरों के “समन्दर” के बारे में ज़ज्बात और ख़यालात जान सकेंगे, जिसमें मशहूर शायरो द्वारा लिखी शायरियां शामिल है। बहुत से लोगों को समंदर के किनारे बैठकर नजारा देखना बहुत अच्छा लगता है। यह आँखों व दिल को बड़ा सुकून देता है।

तो इन्ही बातो को ध्यान में रखते हुए हमने दोस्तों आपके लिए Samandar shayari का बेहतरीन कलेक्शन प्रस्तुत कर रहे है। आज हमने आपके साथ Samandar love shayari, Dosti samandar shayari साझा कर रहे है। हम गुजारिश करते है कि आप सभी दोस्तो को यह शायरियां पसंद आई होगी तो आइए दोस्तो बिना समय गवाएं इन शायरियो को पढ़ना शुरू करते है।

Samandar shayari

Samandar shayari

दोस्त अहबाब से लेने न सहारे जाना
दिल जो घबराए समुंदर के किनारे जाना !

Samandar shayari74

उड़ेल कर सारी की सारी
शराब को अपने अंदर
कहता था हमेशा हर
एक को कि मैं हूं वो समंदर.!!

dariya samandar shayari

रख हौंसला के
वो मंज़र भी आएगा
प्यासे के पास चलकर
समंदर भी आएगा !!

ishq samandar shayari

सुना है आज समंदर को
बड़ा गुमान आया है
उधर ही ले चलो कश्ती
जहां तूफान आया है !!

samandar shayari in hindi

मोहब्बत करने वाला
ज़िन्दगी भर कुछ नहीं करता
यह दरिया शोर करता है
समंदर कुछ नहीं कहता !!

hum samandar hai shayari

अधूरी रहें इश्क की दास्तान
वहीं चाहत कहलाती है
समंदर से मिलनें के बाद तो
नदी भी समंदर कहलाती है !!

romantic shayari on samandar

बड़े लोगो से मिलने में
हमेशा फासला रखना
जहाँ दरिया समंदर में मिला
दरिया नहीं रहता !!

Samandar shayari in hindi

dosti samandar shayari

हादसे कुछ दिल पे
ऐसे हो गए
हम समंदर से भी
गहरे हो गए !!

samandar shayari images

कह दो समुद्र से की
लहरों को संभाल कर रखे
जिंदगी मैं तूफ़ान लाने के लिए
मेरा दिल ही काफी है !!

samandar ki lehren shayari

ये अश्के आरज़ू हैं
बहेंगे इसी तरह
ये वो नदी नहीं
जो बढ़ी और उतर गई !!

samandar love shayari

मैं दरिया भी
किसी गैर के हाथों से न लूं
एक कतरा भी
समन्दर है अगर तू देदे !!

samandar pe shayari in hindi

शायद नदी थी
उसको समंदर नहीं मिला
मंज़िल की चाह में
वो भटक कर चली गई !!

सफ़र से लौट जाना चाहता है
परिंदा आशियाना चाहता है !

Samandar shayari two line

बस यही सोच कर हर मुश्किल
से लड़ता रहा हूँ
धूप कितनी भी तेज़ हो
समन्दर नहीं सूखा करते !

दोस्त अहबाब से लेने न सहारे जाना
दिल जो घबराए समुंदर के किनारे जाना !

कतरा होने की शोहरत
कोई मुझसे पूछे
मैंने अपने लिये समुंदर को
परेशान देखा है !

समंदर में फना होना तो
किस्मत की बात है
जो मरते हैं किनारों पे
दुःख उनपे होता है

मेरे जुनूँ का नतीजा ज़रूर निकलेगा
इसी सियाह समंदर से नूर निकलेगा !

Ishq samandar shayari

हम थे दर्द के मारे बैठे समुन्दर किनारे
कोई न था हमारा हम थे खुद के सहारे !

मैंने अपनी ख़ुश्क आंखों
से लहू छलका दिया
इक समुंदर कह रहा था
मुझ को पानी चाहिए !

Samandar par shayari

लकीरें अपने हाथों की बनाना
हमको आता है
वो कोई और होंगे अपनी
किस्मत पे जो रोते हैं !

इलाही कश्ती-ए-दिल बह रही है
किस समंदर में
निकल आती हैं मौजें हम
जिसे साहिल समझते हैं !

हम समंदर है हमें खामोश रहने दो
जरा मचल गए तो शहर ले डूबेंगे !

हवाओं को पता था मैं
जरा मजबूत टहनी हूँ
यही सच आँधियों ने अब
हवाओं को बताया है !

जर्फ पैदा कर समंदर की तरह
वसअतै खामोशियां गहराईयां।

मैं दरिया भी किसी गैर के हाथों से न लूं
एक कतरा भी समन्दर है अगर तू देदे !

Dariya samandar shayari

सफ़र में मुश्किलें आयें तो
जुर्रत और बढ़ती है
कोई जब रास्ता रोके
तो हिम्मत और बढ़ती है

हूरों की तलब और मय
ओ सागर से नफ़रत
जाहिद तेरे इरफान से
कुछ भूल हुई है !

रख हौंसला के वो मंज़र भी आएगा
प्यासे के पास चलकर समंदर भी आएगा !

पंखों को खोल कि ज़माना
सिर्फ उड़ान देखता है
यूँ जमीन पर बैठकर
आसमान क्या देखता है !

कितने ही लोग प्यास की
शिद्दत से मर चुके
मैं सोचता रहा के समंदर कहाँ गये !

खुद को मनवाने का मुझको भी हुनर आता है
मैं वह कतरा हूं समंदर मेरे घर आता है !

Shayari on samandar

ख़ुदा बदल न सका आदमी
को आज भी यारो
और अब तक आदमी ने
सैकड़ों ख़ुदा बदले।

मैं खोलता हूँ सदफ़ मोतियों के चक्कर में
मगर यहाँ भी समन्दर निकलने लगते हैं!

होता होगा तुम्हारी दुनियाँ में गहरा समंदर
हमारे यहाँ इश्क़ से गहरा कुछ भी नहीं !

कौन कहता है कि मौत आई तो मर जाऊँगा
मैं तो दरिया हूँ समुंदर में उतर जाऊँगा!

समंदर की तरह पहचान है हमारी
उपर से खामोश अंदर से तुफान

आओ सजदा करें आलमे मदहोशी में
लोग कहते हैं कि सागर को खुदा याद नहीं।

Hum samandar hai shayari

गिरते हैं समुंदर में बड़े शौक़ से दरिया
लेकिन किसी दरिया में समुंदर नहीं गिरता!

तू समन्दर है तो क्यूँ आँख दिखाता है मुझे
और से प्यास बुझाना अभी आता है मुझे!

वो बहने के लिये कितना
तड़पता रहता है लेकिन
समंदर का रुका पानी कभी
दरिया नहीं बनता !

नज़रों से नापता है समुंदर की वुसअतें
साहिल पे इक शख़्स अकेला खड़ा हुआ !

जिसको देखूँ तेरे दर का पता पूछता है
क़तरा क़तरे से समंदर का पता पूछता है!

उन्हें ठहरे समुंदर ने डुबोया
जिन्हें तूफ़ाँ का अंदाज़ा बहुत था !

Samandar shayari image

कोई अपनी ही नजर से तो हमें देखेगा
एक कतरे को समन्दर नजर आयें कैसे !

सब हवाएं ले गया मेरे समंदर की कोई
और मुझ को एक कश्ती बादबानी दे गया

दर्द का समंदर जब आँखों में उतर आता है
तभी तो इंसान जिंदगी में कामयाबी को पाता है!

क़दम दर क़दम ज़िन्दगी दौरे इम्तिहान है
कहीं सहरा कहीं समन्दर कहीं गर्दिशे अय्याम है!

ग़मों के नूर में लफ़्जों को ढालने निकले
गुहरशनास समंदर खंगालने निकले!

छेड़ कर जैसे गुज़र जाती है दोशीज़ा हवा
देर से ख़ामोश है गहरा समुंदर और मैं !

ना जाने कौन मेरे हक़ में दुआ पढता है
डूबता भी हूँ तो समंदर उछाल देता है!

वक्त ढूँढ रहा था मुझे हाथों में खंजर लिए
मैं छुप गई आईने में आँखों में समंदर लिए ।

कटी हुई है ज़मीं कोह से समुंदर तक
मिला है घाव ये दरिया को रास्ता दे कर!

कोई कश्ती में तन्हा जा रहा है
किसी के साथ दरिया जा रहा है!

डूबता देखकर समंदर भी हैरान था
मेरे होठों पर उस बेवफ़ा का नाम था!


Final world on Samandar shayari


दोस्तों हमारी पोस्ट samandar shayari को पढ़ने के लिये आपका धन्यवाद। हम आशा करते हैं कि आप सभी दोस्तों को यह शायरियां पसंद आई होगी। इन शायरियों को अपने दोस्तों को परिजनों के साथ सोशल मीडिया पर शेयर कीजिए। यदि इन शायरियो मैं यदि कोई कमी नजर आती है तो आप हमें कमेंट करके जरूर बताएं इसमें सुधार करके इन्हें अपडेट करेंगे।