Shaam Shayari : वेलकम प्रिय पाठको,आपके साथ साझा किया जा रहा शायरी का यह संग्रह एक पवित्र शाम को बना है। बहुत से लोग अपने प्रिय के अलग होने से बहुत दुखी होते है और शाम को उनका इंतजार करते हैं। उनके लिए इंतजार बहुत लंबा है। वे एक ऐसा समय चाहते हैं जब प्रिय लौट आए। ऐसे में लोग शायरी लिखना पसंद करते है और शायरी के माध्यम से ही वे अपने दिल की आवाज अपने प्रियतम तक पहुंचाते है।
दोस्तों आज की पोस्ट में हमने आपके लिए शाम शायरियों का यूनिक संग्रह आपके सामने प्रस्तुत कर रहे है इन्हें पढ़िए इस पोस्ट में हमने शाम पर खूबसूरत शायरी, Two line shaam shayari आपके साथ साझा कर रहे है। आप हमारी इन शायरियो को एक बार जरूर पढ़िए।
Shaam shayari
तेरे आने की उम्मीद और भी तड़पाती है
मेरी खिड़की पे जब शाम उतर आती है..!!!
तुम ना लगा पाओगे अंदाज़ा मेरी तबाही का
तुमने देखा ही कहां है मुझे शाम होने के बाद..!!!
शाम तक सुबह की नज़रों से उतर जाते हैं
इतने समझौतों पे जीते हैं कि मर जाते है..!!!
सूरज छिप जाए तो शाम होती है इसलिए
मेरी जिंदगी तेरे इंतजार में तन्हा होती है.!!
इश्क के नशे से अच्छा मुझे
शराब का नशा लगता है
यह शाम का नजारा मेरे
महबूब बड़ा ही प्यारा लगता है..!
कभी मिलते है एक रोज
अकेले शाम की तरह
मैं चाहूंगी तुम्हे रोज उस
चमकते चांद की तरह.!!
सुनो अबकी बार बनारस
घुमा दो अपने साथ पिया
शाम को गंगा आरती
सुबह को अस्सी घाट पिया..!
ये शाम का तस्व्वुर ये मयखाने का बया
तुम खुदा न होते तो हम ख़ुद को खुदा समझते!
Shaam shayari in hindi
सुबह होती नही शाम ढलती नही
न ज़ाने क्या खूबी है आप में आप
को याद किए बिना खुशी मिलती नही!
शाम खाली है जाम खाली है ज़िन्दगी
यूँ गुज़रने वाली है सब लूट लिया तुमने
जानेजाँ मेरा मैने तन्हाई मगर बचा ली है!
एक सवेरा था जब हँस कर उठते थे
हम और आज कई बार
बिना मुस्कुराये ही शाम हो जाती है!
अब कौन मुंतज़िर है हमारे लिए वहां
शाम आ गयी है लौट के घर जाएं हम तो क्या !
तुम मेरी जिंदगी मे ऐसे शामिल हो
जैसे मंदिर के दरवाजे पर बंधे हुए
मन्नत के धागे !
सुबह होती नही शाम ढलती नही
न ज़ाने क्या खूबी है आप मे के
आप को याद किए बिना खुशी मिलती नही !
Two line shaam shayari
अब तो चुप-चाप शाम आती है
पहले चिड़ियों के शोर होते थे !
शायर कहकर बदनाम ना कर
मैं तो रोज़ शाम को दिनभर
का हिसाब लिखता हूँ !
तुम्हारी जुल्फ के साये में शाम कर लूँगा
सफ़र इस उम्र का पल में तमाम कर लूँगा !
कभी तो आसमां से चांद उतरे जाम हो जाए
तुम्हारे नाम की एक ख़ूबसूरत शाम हो जाए!
फिर नहीं लौटा वक़्त
वो शाम और मेरा चैन !!
उसने पूछा कि कौनसा तोहफा है मनपसंद
मैंने कहा वो शाम जो अब तक उधार है !
नई सुबह पर नज़र पहुचे मगर आह ये भी
डर है ये सहर भी रफ़्ता-रफ़्ता कहीं शाम
तक ना पहुंचे !
उसने कहा हम दिन और रात जैसे है
कभी एक नही हो सकते
मेने कहा आओ शाम को मिलते है!
Shayari on khoobsurat shaam
है शाम को मिलने का वादा किसी का
उस सूरज से बोलो जल्दी डूब जाए।।
तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगा
मैं एक शाम चुरा लूं अगर बुरा ना लगे !
उफ़्फ़! कितनी बार कहा हैं
शाम ढले याद आया ना करो
शाम की चाय ज़्यादा मिट्ठी हो जाती हैं!
दर्द की शाम है आँखों में नमी है
हर सांस कह रही हैए फिर तेरी कमी है!
बस एक शाम का हर शाम इंतज़ार रहा
मगर वो शाम किसी शाम भी नहीं आयी !
जिंदगी की हर सुबह कुछ शर्ते ले कर
आती है जिंदगी की हर शाम कुछ तजुर्बे दे
कर जाती है !
कभी किसी का जो होता था इंतज़ार
हमें बड़ा ही शाम-ओ-सहर का हिसाब रखते थे !
होती है शाम आंख से आंसू रवां हुए
ये वक़्त कैदियों की रिहायी का वक़्त है !
Suhani shaam shayari
रात सारी तड़पते रहेंगे हम अब
आज फिर ख़त तेरे पढ़ लिए शाम को !
ये उदास शाम और तेरी ज़ालिम याद
खुदा खैर करे अभी तो रात बाकि है !
शाम भी थी धुआं-धुआं हुस्न भी था
उदास-उदास दिल को कई कहानियां
याद सी आकर रह गयीं !
शाम से आंख में नमीं सी है
आज फिर आपकी कमी सी है !
यूँ तो हर शाम उम्मीदों में गुज़र जाती थी
आज कुछ बात है जो शाम पे रोना आया
ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया
जाने क्यों आज तेरे नाम पे रोना आया।
शाम ढले ये सोच के बैठे हम अपनी
तस्वीर के पास सारी ग़ज़लें बैठी होंगी
अपनी अपनी मीर के पास !
दिन गुज़र जाता है तपते हुए सूरज की
तरह शाम आती है तो ढल जाने को जी चाहता है !
आख़िरी बार मैं कब उस से मिला याद नहीं
बस यही याद है इक शाम बहुत भारी थी !
Ek shaam dosto ke naam shayari
शामें किसी को मांगती हैं आज भी
फ़िराक गो ज़िंदग़ी में यूं मुझे कोई कमी नहीं !
अब कौन मुंतज़िर है हमारे लिए वहाँ
शाम आ गई है लौट के घर जाएँ हम तो क्या !
वही ख़्वाब-ख़्वाब हैं रास्ते वही इंतज़ार सी शाम है
ये सफर है मेरे इश्क़ का एन दयार है न क़याम है !
यूं तो हर शाम उम्मीदों में गुज़र जाती है
आज कुछ बात है जो शाम पे रोना आया !
जिन्दगी को खुश रहकर जिओ
रोज शाम सिर्फ सूरज ही नहीं ढलता
अनमोल जिन्दगी भी ढलती है!
शाम से आंख में नमी सी है
आज फिर आपकी कमी सी है !
अब उदास फिरते हो सर्दियों की शामों में
इस तरह तो होता है इस तरह के कामों में !
ढलती शाम सी खूबसूरत हो तुम
मगर शाम की ही तरह बहुत दूर हो तुम !
Aaj ki shaam shayari
गुज़र गई है मगर रोज़ याद आती है
वो एक शाम जिसे भूलने की हसरत है !
भीगी हुई इक शाम की दहलीज़ पे बैठे
हम दिल के सुलगने का सबब सोच रहे हैं !
ढलते दिन सा मैं गुजरती रात सी तुम
अब थम भी जाओ एक मुलाकात को !
गर्मी-ए-हसरत-ए-नाकाम से जल जाते हैं
हम चराग़ों की तरह शाम से जल जाते हैं!
घर की वहशत से लरज़ता हूँ
मगर जाने क्यूँ शाम होती है तो घर
जाने को जी चाहता है !
शाम का वक्त हो और शराब ना हो
इंसान का वक़्त इतना भी खराब ना हो!
बस एक शाम का हर शाम इंतिज़ार रहा
मगर वो शाम किसी शाम भी नहीं आई !
कभी-कभी शाम ऐसे ढलती है जैसे घूंघट
उतर रहा हो तुम्हारे सीने से उठता धुआँ
हमारे दिल से गुज़र रहा हो !
होते ही शाम जलने लगा याद का अलाव
आँसू सुनाने दुख की कहानी निकल पड़े !
Romantic shaam shayari
तेरे आने की उम्मीद और भी तड़पाती है
मेरी खिड़की पे जब शाम उतर आती है !
हम बहुत दूर निकल आए हैं चलते-चलते
अब ठहर जाएँ कहीं शाम के ढलते-ढलते!
रात के इंतज़ार में सुबह से मुलाकात
हो गई शायद कल की वो शाम ढलना भुल गई !
तुम ना लगा पाओगे अंदाज़ा मेरी तबाही
का तुमने देखा ही कहां है मुझे शाम होने के बाद।
आँखों की चमक पलकों की शान हो तुम
चेहरे की हँसी लबों की मुस्कान हो तुम
धड़कता है दिल बस तुम्हारी आरज़ू में
फिर कैसे ना कहूँ कि मेरी जान हो तुम।
कहाँ की शाम और कैसी सहर जब तुम
नही होते तड़पता है ये दिल आठो पहर
जब तुम नही होते !
होती है शाम आंख से आंसू रवां हुए
ये वक़्त कैदियों की रिहायी का वक़्त है।
एक सवेरा था जब हँस कर उठते थे हम
और आज कई बार बिना मुस्कुराये ही शाम हो जाती हैं।
Final words on Shaam shayari
प्रिय पाठको आपको हमारी आज की बेहतरीन shaam shayari पढ़कर कैसी लगी आप हमें कमेंट करके जरूर बताएं और इन शायरियों को अपने दोस्तों और परिजनों के साथ सोशल मीडिया पर शेयर कीजिए आप हम से जुड़े रहने के लिए हमारी वेबसाइट Shayarifarm.com पर विजिट कीजिए यहां पर आपको संपूर्ण शायरियों की जानकारी हिंदी में प्राप्त होगी धन्यवाद।